before I sleep

"The woods are lovely, dark and deep. But I have promises to keep, and miles to go before I sleep." - Robert Frost

"Our minds are finite, and yet even in these circumstances of finitude we are surrounded by possibilities that are infinite, and the purpose of life is to grasp as much as we can out of that infinitude." - Alfred North Whitehead

Monday, September 29, 2008

प्राकृतिक दिनचर्या
  1. प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठें तथा उठते समय बांयी करवट ही उठे|
  2. जागने के तुंरत बाद मुंह पर स्वच्छ जल भरकर मारिये| इससे दृष्टि कमजोर नहीं होती और चश्मा भी उतरसकता है|
  3. प्रातः ही शौच से पूर्व ताम्र या चांदी के बर्तन में रात का रखा हुआ चार गिलास पानी पीना चाहिए| इससे कब्जबवासीर, रक्तपित, नेत्र सम्बन्धी और कफ से होने वाले रोग नहीं होते तथा बहुत से रोगों से छुटकारा हो जाताहै|
  4. प्रातः काल खाली पेट चाय बहुत हानिकारक है|
  5. शौच समय पर जाएँ| पेशाब या शौच करते समय दांत दबाकर रखने से मजबूत होते हैं|
  6. याद रखें स्नान से पूर्व, शौच से पूर्व, सोने से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब अवश्य करें| शौच के बाद गुदा को१५ से २० बार संकोचन करें, इससे गुदा सम्बन्धी रोग एवं शीग्रहपतन दूर होता है|
  7. हो सके तो सप्ताह में एक बार तेल मालिश अवश्य करें|
  8. सूर्य के सन्मुख मल-मूल त्याग ना करें| ऐसा करने से चर्म रोग होते हैं|
  9. दांत एवं जीभ साफ करते समय गले में स्थित तालू की सफाई अंगूठे से अवश्य करें, तथा गुनगुने पानी मेंनमक डाल कर घरारे अवश्य करें| इससे आँख, कान नाक, गले के रोग नहीं होते|
  10. प्रातः भ्रमण अवश्य करें एवं खुले में गहरी साँस के साथ प्राणायाम एवं योगासन अवश्य करें|
  11. जब समय मिल जाए तब तब प्रातः काल धूप में खुले बदन १५ से २० मिनट अवश्य बैठे|
  12. स्नान से पहले सूखे तौलिये से दस मिनट घर्षण करें, तथा स्नान के बाद भी हथेलियों से रगड़कर शरीर कोसुखाये और फिर तौलिये से पोंछें|
  13. बिना भूख भोजन ना करें और जब भी करें भूख से कम खायें|
  14. दिन में केवल दो बार भोजन करें जिसमें अधिकतर अपक्वाहार (फल, सब्जियाँ, ताज़ा हरे पत्ते, अंकुरितअन्नकण, शहद आदि) हों| यदि तीन बार करना है तो नाश्ते में फल एवं उनके रस|
  15. ध्यान का अभ्यास अवश्य करें|
  16. भोजन के बाद थोडी देर वज्रासन में अवश्य बैंठे या आठ साँस पीठ के बल लेकर, सोलह साँस दाहिनी करवटलेटकर तथा बत्तीस साँस बायीं करवट लेटकर लें| इससे भोजन शीघ्र हजम हो जायेगा तथा वायु रोग नहींहोंगे| रुकी हुई वायु का निष्काशन होगा|
  17. सांय काल भोजन के बाद १०० कदम अवश्य चलें|
  18. भोजन करने के बाद लकड़ी के कंघे से सर को खुजलाने से बालों का जल्दी गिरना, पकना, सिरदर्द, एवं सिरकी खाज नहीं होती|
  19. लगातार तीन घंटे काम करने के बाद थोड़ा विश्राम (शवासन) कर लें तथा साप्ताहिक छुट्टी अवश्य मनाएं|
  20. दिन में एक दो बार खुल कर जरूर हंसें|
  21. वस्त्र सादे सूती और स्वच्छ पहने| ऊनी कपड़े बदन से छूते हुए ना पहने|
  22. प्रति दिन चार पाँच तुलसी एवं नीम की पत्तियों का सेवन करें|
  23. दिन में सोने की आदत ना डालें|
  24. अच्छे विचार (पोसिटिव थिंकिंग) को अपने जीवन में उतारें| इससे मानसिक तनाव कम होगा|
  25. मन में निराशा को स्थान दें| आशावादी बनें|
  26. हारता वह है जो हिम्मत गवां बैठता है|
  27. रात में पानी पीकर एवं पांओं धोकर सोयें|
  28. सोने से पहले मुख शुद्धि एवं तालू को साफ कर लें|
  29. सोते समय उत्तर या पश्चिम की तरफ पैर करके सोना चाहिए|
  30. थोड़ा सख्त बिस्तर पर सोयें एवं तकिया ना लगायें या पतला तकिया लगायें|
  31. बिस्तर के गद्दे, तकिया, चादर आदि धूप में डालने चाहिए|
  32. नींद आने पर ही सोना चाहिए|
  33. बिस्तर पर पड़े-पड़े नींद की राह देखना रोग को आमंत्रित करना है|
  34. सोते समय कभी भी मुंह नहीं ढकिये|
  35. नींद लाने के लिए कभी दवाई ना लें|
  36. रात्री १० बजे तक सो जाना चाहिए|
  37. आवास प्रकाश एवं वायु युक्त तथा स्वच्छ वातावरण में होना चाहिए|
- योगा गुरूजी